रौतहट÷रोटी, कपडा और मकानके साथ साथ शिक्षा, स्वास्थ्य र कृषिमे आधारित नेपाली जनताऔका आशा पर निराश होने लगा है । रौतहट जिल्ला अस्पताल गौरके अवस्था देखने मे भयानक लगता है । सरसफाई निशुल्क, उपचार निशुल्क, औषधी, चेक जाच के नाम पर करौडौका बजेट दुरुपयोग होने से डाक्टर माला माला और जनता कंगाल हो गया है । भवनका दृश्य देखने पर राजधानी से कम नही अन्दर देख्ने पर सरसफाई के नाम पर रोगी ही रोगी देख्नेको मिलेगा, कौन है जिम्मेवार नेता, कर्मचारी डाक्टर किसे कहु कौन सुनेगा सब मौसेरा भाई । आधा दर्जन डाक्टर होनेके बावजुद भी बाहर रेफर चोट पटक के दर्द के नाम पर बाहर से चेक जाँच और दवा खरिद । कौन है कमीशनदार कौन करेगा इलाज जो अपने इलाज दुसरे अस्पताल और क्लिनिक में करवाता है । डा.कृष्णका लिला अपरमपार है ।